गुरुवार, 10 मई 2012

दिल्ली में मायावती के चार बंगले, सभी में अवैध निर्माण


दिल्ली में मायावती के चार बंगले, सभी में अवैध निर्माण

नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Thursday, May 10, 2012    12:08 AM
Mayawati has four bungalows in Delhi
बसपा अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाम पर केंद्र सरकार ने चार बंगले आवंटित किए हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में कहा गया है कि बड़े भूभाग में बने इन बंगलों में मायावती ने अवैध निर्माण कराया। ऐसे निर्माण को रोकने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने कार्रवाई करनी चाही, लेकिन वह सफल नहीं हो सका।

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित बंगला संख्या 4, 12, 14 और 16 मायावती के नाम पर आवंटित हैं। इनमें से तीन बीएसपी के अध्यक्ष और चौथा बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट के नाम पर है।
आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है। 2 मई 2012 को भेजे गए आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर आवंटित गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित बंगला संख्या चार में चारदीवारी तोड़कर अवैध निर्माण किया गया है। साथ ही मुख्यद्वार के पिछले हिस्से को तोड़कर तीन-चार कमरे का निर्माण किया गया है।

बंगले के लॉन की दीवार तोड़कर पिछले हिस्से में पार्क बनाए गए हैं। अवैध निर्माण के कारण बंगले में 145 वर्गमीटर क्षेत्र बढ़ गया है। बंगला संख्या 14 में 197.4 वर्गमीटर अवैध निर्माण किया गया है, जिसमें बरामदे और चार कमरों का निर्माण किया गया है।

इसी तरह बंगला संख्या 12 में फाइबर शीट के जरिये कमरे, कार्यालय, शौचालय, किचन बनाए गए हैं, जिसके कारण कुल एरिया (कवर्ड) में 238 वर्गमीटर की बढ़ोतरी हो गई है। ये बंगला बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट के अध्यक्ष के नाम पर आवंटित है। आरटीआई के अनुसार, बंगला संख्या 16 में अवैध निर्माण के कारण क्षेत्रफल में 300.86 वर्गमीटर की बढ़ोतरी हो गई है।

सुभाष चंद्र अग्रवाल ने ‘अमर उजाला’ को बताया कि सरकार प्रत्येक बंगले का किराया 1320 रुपये प्रतिमाह वसूल करती है। किराया भी काफी दिनों से नहीं सरकार नहीं वसूल पाई है। आरटीआई में कहा गया है कि 6 फरवरी 2012 को सीपीडब्ल्यूडी ने पत्र लिखकर मायावती से अवैध निर्माण को रोकने के लिए कहा था लेकिन उसका जवाब नहीं मिला।
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यह सब समर्थन के नाम पर  हो रहा है सारे राजनीतिज्ञों की यही कहानी है , दलितों के नाम  पर सुख भोगो दलितों को बिलबिलाने दो, तभी तो दुबारा सत्ता में आओगी .

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