मंगलवार, 17 मई 2011

वाह उत्तर प्रदेश एक तरफ जान को खतरा दूसरी ओर भ्रष्ट सम्राट का बयान


पूर्व आईएएस ने सरकार से अपनी जान को खतरा बताया

लखनऊ [जाब्यू]। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हरीश चंद्रा ने प्रदेश सरकार से अपनी जान को खतरा बताया है। यूपी काडर के आईएएस रहे हरीश चंद्रा केंद्र में ऊर्जा मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनवादी पार्टी के नाम से एक पार्टी बना ली है। सोमवार को वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और बकायदा लिखा-पढ़ी में यह शिकायत दर्ज कराई कि उनकी जान को खतरा है। राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में कहा गया है, 'यह सरकार उनकी हत्या कराने के अलावा फर्जी मनगढ़त मामलों में फंसा कर उत्पीड़न कर सकती है।'
पत्र में यह भी कहा गया है कि उप्र सरकार ईमानदार आइएएस, आईपीएस अधिकारियों को हतोत्साहित करने के लिए हर दूसरे-तीसरे महीने तबादले करती रहती है। तबादलों के लिए बने सिविल सर्विस बोर्ड के कोई मायने नहीं रह गए हैं। बार-बार तबादलों से अधिकांश कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी आमजन को नहीं मिल पाता। फूट डाला और राज करो की नीति के तहत उसने प्रोन्नति में आरक्षण के मुद्दे को विवादित बना दिया। सरकार की गलत नीतियों की वजह से ही कोर्ट प्रोन्नति में आरक्षण के आदेश को गलत ठहरा दिया है। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से सूबे में बसपा के कुशासन पर अंकुश लगाते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की।

अन्ना गांधी तो शांति और प्रशांत उनके बंदर

May 17, 01:10 am
मेरठ। अखिल भारतीय लोकमंच के अध्यक्ष अमर सिंह ने कहा कि अन्ना हजारे यदि गांधी हैं तो शांति भूषण और प्रशांत भूषण उनके बंदर हैं। अब तीसरे बंदर की तलाश है। टेप प्रकरण में अभिनेत्री बिपाशा बसु के बाबत अमर ने कहा कि अगर वह बुलातीं तो वह जरूर जाते।
अमर सोमवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने लोकपाल बिल से जुड़ी कमेटी में अधिवक्ता शांति भूषण व प्रशांत भूषण को शामिल करने पर सवाल खड़े किए। कहा कि अगर अन्ना आज के गांधी हैं तो ये दोनों उनके बंदर हैं, फिलहाल तीसरे बंदर का खुलासा नहीं हुआ है।
बिपाशा बसु के बाबत अमर ने कहा कि अगर वह बुलातीं तो वह जरूर जाते। सीडी में आवाज को लेकर स्वयं बिपाशा ने ही चुनौती दी है। सीडी में अपनी आवाज के इस्तेमाल पर अमर का कहना है कि जो भी यह काम कर रहा है, उसके पास उनका वॉयस बैंक है। टेप की असलियत का खुलासा शीघ्र हो जाएगा। सीडी कांड के पीछे मुंबई के एक प्रसिद्ध उद्योगपति का दिमाग है। वह मुझे खत्म करना चाहता है।
यूपी में जनता के पास विकल्प नहीं
अमर सिंह का मानना है कि यूपी में फिलहाल बसपा के मुकाबले कोई विकल्प नहीं है। मुलायम सिंह घर में बैठे हैं। सपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि राजनीति चेतना से चलती है। जिसमें चेतना नहीं है, वह जड़ हो जाता है। कांग्रेस भट्टा पारसौल के बहाने उप्र में सिंगूर और नंदीग्राम का ख्वाब देख रही है।


स्वामी अग्निवेश के बयान पर मच गया बवाल

(स्वामी अग्निवेश ने बिल्कुल ठीक कहा है। आस्था का मतलब पाखण्ड तो नहीं होता लम्बे समय से भारत इन पाखण्डियों के चक्कर में दारिद्र्य को झेल रहा है इन पर प्रतिबन्ध लगाकर इनकी सारी सम्पदा राष्ट्र्निर्माण में लगानी चाहिए। यदि ईश्वर कहीं हैं तो वह भी मानव उत्थान ही तो चाहते हैं या अपने उपर अरबों करोड़ों खर्च कराना। यही फजूलखर्ची पाखण्ड को बढ़ावा देती है हर तरह के पाखण्डी को लूट की छूट भी।
आम आदमी जिन्दगी भर इसी प्रकार के पाखण्ड के चक्करों में पड़कर पूरा जीवन बर्वाद कर लेता है, पाखण्डी धताबताकर उसे लूटता रहता है।
डाॅ.लाल रत्नाकर
गाजियाबाद/जौनपुर)


अमर उजाला से साभार -
स्वामी अग्निवेश के बयान पर मच गया बवाल
श्रीनगर।
Story Update : Tuesday, May 17, 2011 2:34 AM

घाटी पहुंचते ही सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के सुर बदल गए। उन्हें करोड़ों हिन्दुस्तानियों की आस्था का केंद्र अमरनाथ यात्रा धार्मिक छल नजर आने लगी। पीस कान्फ्रेंस में भाग लेने पहुंचे अग्निवेश ने प्रेस से बातचीत में अलगाववादियों के सुर से सुर मिलाते हुए यात्रा को धार्मिक पाखंड और पवित्र गुफा में हिमलिंग निर्माण को प्राकृतिक सिस्टम करार दिया। उन्होंने कहा कि वह ऐसे धर्म पर विश्वास नहीं रखते।

अग्निवेश के इस बयान से हिंदू संगठन भड़क उठे हैं। स्वामी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राज्यपाल एसके सिन्हा को निशाना बनाते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते शिवलिंग पिघलने के बाद नकली शिवलिंग तैयार करवाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रदर्शनों में मारे गये 118 लोगों की मौत की सीबीआई जांच कराने और फौजी कानून हटाने की भी मांग की। इस बयान से गुस्साए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा, क्रांति दल, शिव सेना आदि संगठनों ने अग्निवेश से माफी मांगने को कहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एमएलसी एडवोकेट रवीन्द्र शर्मा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कांगे्रस ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती।

विहिप के प्रदेशाध्यक्ष डा. रमाकांत दुबे व बाबा अमरनाथ यात्री न्यास के अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने बयान की कड़ी निंदा की। अग्रवाल ने कहा कि बाबा बर्फानी करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा का प्रतीक हैं। सालाना लाखों लोग दर्शन को आते हैं। इससे अग्निवेश को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। बजरंग दल के प्रदेश संयोजक नंद किशोर मिश्रा ने अग्निवेश को कांग्रेसी और अलगाववादियों का एजेंट बताते हुए कहा कि स्वामी बनकर समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उन्हें कोई हक नहीं। वे अलगाववादियों की बोली बोलना बंद करें। यात्रा को पाखंड कहने पर माफी मांगे।

शिव सेना बाल ठाकरे के प्रदेश प्रमुख अशोक गुप्ता, हिंदुस्तान शिव सेना के डिपीं कोहली, शिव सेना युनाइटेड के अध्यक्ष राजेश केसरी, क्रांति दल के महासचिव प्रीतम शर्मा और भाजपा के प्रदेश सचिव युद्धवीर सेठी ने भी अग्निवेश के बयान को निंदनीय बताकर उनसे माफी मांगने को कहा है। शिव सेना ने कहा है कि अगर अग्निवेश माफी नहीं मांगेंगे तो उन्हें जम्मू में घुसने नहीं दिया जाएगा।