शनिवार, 16 जून 2012

भ्रष्टाचार का अड्डा

हजारों सालों के इस सड़े 'जातिवादी' विश्वविद्यालय को बंद क्यों नहीं  कर दिया जाता ?
जो केवल और केवल भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है
(न जाने कितनों को अपढ़ बनाये रखने के काम संलिप्त विश्वविद्यालय)
परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी, फंसा सत्यापन
Jun 16, 01:48 am
संस्कृत विश्वविद्यालय
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-पांच हजार अंकपत्रों की जांच लंबित, रिपोर्ट बनाने में हीलाहवाली
वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा अभिलेखों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी प्रकाश में आयी है। इसके चलते शास्त्री-आचार्य के हजारों परीक्षाफल संदिग्ध घोषित कर दिए गए हैं। ऐसे में विभिन्न डायटों व अन्य संस्थानों से आ रहे अंकपत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में परीक्षा गोपनीय विभाग में लगभग पांच हजार अंकपत्र, सत्यापन के लिए पेंडिंग पड़े हैं।
सूत्रों के अनुसार शास्त्री-आचार्य के विभिन्न सत्रों के टेबुलेशन रजिस्टर के पन्ने बदल दिए गए हैं। इतना ही नहीं परीक्षा अभिलेखों में तमाम कटिंग कर परिणामों को प्रभावित कर दिया गया हैं। संज्ञान में आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे अभिलेखों को संदिग्ध घोषित कर दिया है, साथ ही अंकपत्रों के सत्यापन के लिए चार सदस्यीय समिति भी गठित की गई है। इसमें प्रो. केदारनाथ त्रिपाठी, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, डॉ. शीतला प्रसाद उपाध्याय व डॉ. सूर्यकांत सदस्य हैं। संदिग्ध अभिलेखों में दर्ज परीक्षार्थियों के विवरण का सत्यापन समिति के माध्यम से किया जाता है। दूसरी ओर सामान्य जांच परीक्षा गोपनीय विभाग करता है। अभिलेखों की लीपापोती के चलते कर्मचारियों के साथ अब जांच समिति भी सत्यापन करने से कतरा रही है। यही कारण है कि पिछले कई महीने से काफी संख्या में अंकपत्रों का सत्यापन फंसा हुआ है।
दोनों प्रति में गड़बड़झाला
शास्त्री-आचार्य की विभिन्न कक्षाओं के टेबुलेशन रजिस्टर दो प्रतियों में तैयार किए जाते है। अभिलेखों का रखरखाव ठीक न होने के कारण दोनों प्रतियों में गड़बड़झाला है। इसके चलते कर्मचारी भी सत्यापन करने से कतराते है।
संगणक केंद्र से हो रहा मिलान
अभिलेखों में हेराफेरी को देखते हुए अब अंकपत्रों का सत्यापन संगणक केंद्र में दर्ज रिकार्ड से मिलान कर तैयार किया जा रहा है। कई स्तर पर मिलान होने के कारण भी सत्यापन में देरी हो रही है।
अभिलेखों के नवीनीकरण की योजना ठंडे बस्ते में
परीक्षा अभिलेखों की संदिग्धता को देखते हुए कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र ने पिछले दस वर्षो के परीक्षा रिकार्ड के नवीनीकरण की योजना बनाई है। इसके तहत सारे रिकार्ड कंप्यूटराइज्ड किए जाने हैं। इसे सर्वर के माध्यम से विभिन्न अनुभागों में लगे कंप्यूटर से जोड़ा जाना है। लगभग छह माह पहले बनी यह योजना फिलहाल तो ठंडे बस्ते में है।
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गौतम बुद्ध विवि की जांच रिपोर्ट लोकायुक्त को भेजी

Updated on: Mon, 09 Jul 2012 01:03 AM 
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शासन ने ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट लोकायुक्त को भेज दी है। लोकायुक्त ने विश्वविद्यालय में हुईं कथित अनियमितताओं के संबंध में शासन से जांच रिपोर्ट तलब की थी।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के निर्माण और वहां के पुस्तकालय में अनियमितताओं के संबंध में लोकायुक्त के कार्यालय में परिवाद दाखिल किया गया था। मामले की जांच में लोकायुक्त ने शासन से विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की विस्तृत जांच कराकर उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इस पर शासन ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अनियमितताओं की जांच कराने का निर्देश दिया था। अनियमितताओं की जांच विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी जिसे शासन ने लोकायुक्त कार्यालय को उपलब्ध करा दिया है।