यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मैं तब से जानता हूँ जब मैं अमेठी में था उन दिनों भी यह 'उद्दमी' प्रवृत्ति का रहा है बस दोष इनका इतना है की यह राजनैतिक व्यक्ति नहीं था इसे पुरानी और वहां का सामाजिक सरोकार से मतलब नहीं रहा है।
यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मैं तब से जानता हूँ जब मैं अमेठी में था उन दिनों भी यह 'उद्दमी' प्रवृत्ति का रहा है बस दोष इनका इतना है की यह राजनैतिक व्यक्ति नहीं था इसे पुरानी और वहां का सामाजिक सरोकार से मतलब नहीं रहा है।
INTERVIEW:
गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कहा- आरोप सिद्ध हुए तो संन्यास ले लूंगा
- Ravi Srivastava
- Dec 12, 2014, 22:23 PM IST
फाइल फोटो: भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति।
लखनऊ. यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पद के दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की लोकायुक्त में शिकायत दाखिल हुई है। शिकायत में दो साल के भीतर मंत्री की हिस्सेदारी वाली कंपनियों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों के नाम करोड़ों की संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया गया है। शिकायत में कहा गया कि मंत्री ने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर करीब 943 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जुटाई है। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने dainikbhaskar.com से खास बातचीत की।
लखनऊ. यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ पद के दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की लोकायुक्त में शिकायत दाखिल हुई है। शिकायत में दो साल के भीतर मंत्री की हिस्सेदारी वाली कंपनियों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों के नाम करोड़ों की संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया गया है। शिकायत में कहा गया कि मंत्री ने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर करीब 943 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जुटाई है। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने dainikbhaskar.com से खास बातचीत की।
More: #बीएमडब्लू
1 of 3
भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने dainikbhaskar.com से खास बातचीत में हर आरोप पर अपना जवाब दिया। उनका कहना है कि इस तरह के आरोप मुझे ब्लैकमेल करने और मेरी छवि को खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा। इसके साथ ही मंत्री यह भी दावा करते हैं कि यदि कोई भी आरोप सिद्ध होता है तो मैं राजनीती से सन्यास ले लूंगा।
पहला आरोप: मंत्री बनने के बाद परिजनों ने अर्जित की है करोड़ों की संपत्ति।
इस आरोप पर गायत्री प्रसाद प्रजापति का कहना है कि मेरी पत्नी के नाम पर 5 बीघा से ज्यादा जमीन नहीं है। मेरे बेटे बालिग हैं और कंपनी में डायरेक्टर हैं। ऐसे में वह जमीनों की खरीद-फरोख्त करते हैं और कंपनी को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में यह कहां से गलत है।
दूसरा आरोप: महिला मित्र और ड्राइवर के नाम से हैं संपत्ति।
इस आरोप पर गायत्री प्रसाद प्रजापति कहते हैं कि क्या महिला मित्र होना गवाह है। उन्होंने बताया कि जिस महिला मित्र का नाम लिया जा रहा है वह गुड्डा है। वह खुद एक ठेकेदार है। वह भी एक बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। उन्होंने ही पॉवर ऑफ अटार्नी दो ड्राइवरों राम सहाय और राम राज के नाम कर रखी है जो कभी मेरे लिए गाड़ी चलाते थे। ऐसे में उन्होंने मेरे लिए कोई खरीदारी नहीं की है जबकि गुड्डा के लिए खरीदता है, बेचता नहीं है। यह नियम है कि किसी को भी पॉवर दी जा सकती है। साथ ही वह कहते हैं कि उनका कारोबार अलग है। गायत्री बताते हैं कि जब मैं प्रॉपर्टी का काम करता था तब हमारा उनका लेन-देन चलता था। अब ऐसा नहीं है।
आगे पढ़िए मंत्री जी के ऊपर तीसरा आरोप है कि उनके पास 11 लग्जरी गाडि़यां हैं...
शिकायतकर्ता का आरोप है कि मंत्री गायत्री के पास 11 लग्जरी गाड़ियां हैं। इसमें 2 बीएमडब्लू, 2 फॉरच्युनर, 3 स्कार्पियो, 2 इनोवा, 1 इंडीवर और एक एलटीस गाड़ी है। इस आरोप पर मंत्री गायत्री प्रजापति कहते हैं कि हमारे नाम पर एक डीआई जीप और एक इंडीवर गाड़ी है। ये दोनों लोन पर थी जिसको अदा कर दिया गया है। बाकी गाड़ियां कंपनियों की हैं, जिसे अधिकारी और कर्मचारी चलाते हैं। मैं कभी उन गाड़ियों से नहीं चलता। एक साजिश के तहत यह आरोप लगाया जा रहा है।
चौथा आरोप: मंत्री गायत्री प्रजापति के पास पांच कंपनियां हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि मंत्री के पास पांच कंपनियां हैं। इसमे शुभांग एक्सपोर्ट, डीसेंट कांट्रेक्टर, लाइफ क्योर मेडिकल रिसर्च सेंटर और एमजी कालोनाइजर्स ड्रीम डेस्टिनेशन शामिल हैं। इस मामले पर गायत्री प्रसाद प्रजापति कहते हैं कि जो भी कंपनियां हैं वह मेरे विधायक बनने से पहले की हैं। इसमें मैं कभी डायरेक्टर हुआ करता था लेकिन जैसे ही मैंने विधायकी जीती तो मैंने निदेशक का पद छोड़ दिया है। अब इससे मेरा कोई वास्ता नहीं है।
पांचवा आरोप: संपत्ति खरीदने में स्टांप ड्यूटी नहीं अदा की।
गायत्री कहते हैं कि मैं इस मामले पर कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि इस मामले में अभी कोई तथ्य सामने नहीं आया है। वे कहते हैं कि कभी हजार करोड़ की संपत्ति बताते हैं फिर कहते हैं कि स्टांप ड्यूटी नहीं अदा की है।
आगे पढ़िए मंत्री जी के ऊपर तीसरा आरोप है कि वे बीपीएल से एपीएल कार्ड धारक बने और करोड़ों की संपत्ति अर्जित की...
गायत्री प्रसाद प्रजापति इस मामले में साफ-साफ नहीं बोलकर यह कहते हैं कि क्या एपीएल कार्ड धारक होना गलत है। वे कहते हैं कि मैं अपने भाई-बहन और माता पिता से पिछले 20 सालों से अलग रहा हूं। मेरा अमेठी नगर पंचायत में ए क्लास के ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन है तो क्या मैं बीपीएल कार्ड धारक रहूंगा। वे कहते हैं कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत और निराधार हैं।
दयाराम प्रजापति हैं साजिशकर्ता
सपा मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का कहना है कि यह सारी साजिश दयाराम प्रजापति के इशारे पर की जा रही है। उनका कहना है कि इस साजिश में बीजेपी और कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ओम शंकर द्विवेदी बहरूपिया हैं। ये कभी बाबा बन जाता है तो कभी तांत्रिक। इस समय वह कांग्रेसी है। उनका कहना है कि जल्द ही इन लोगों के खिलाफ मैं खुलासा करूंगा।
http://www.bhaskar.com/news/UP-LUCK-om-prakash-dwivedi-alligation-depravity-on-gayatri-prasad-prajapati-4838803-PHO.html
गायत्री प्रसाद प्रजापति पर ओमप्रकाश द्विवेदी ने लगाया चरित्रहीनता का आरोप
- dainikbhaskar.com
- Dec 14, 2014, 01:11 AM IST
गायत्री प्रसाद प्रजापति की फाइल फोटो।
1 of 3
लखनऊ. आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर भूतल और खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कभी उनके सहयोगी रहे ओमप्रकाश द्विवेदी ने उनपर पर चरित्रहीनता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रजापति की महिला मित्र से नाजायज बेटी भी है। उन्होंने लड़की का डीएनए टेस्ट कराकर पुष्टि करने की मांग की है।
द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि प्रजापति की 1,350 करोड़ रुपए की संपत्ति के दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। वह आगामी दिनों में लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा को 4,500 करोड़ रुपए की संपत्ति का ब्यौरा सौंपेंगे। उन्होंने प्रजापति की बेहिसाब संपत्ति से जुड़े मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। साथ ही दावा किया है कि राजनीति संन्यास लेने का ढिढोरा पीटने वाले प्रजापति अब मंत्री पद से इस्तीफा दें।
बचाते चलें कि द्विवेदी ने शनिवार को प्रजापति परिवार और उनके रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई जमीनों के रजिस्ट्री के दस्तावेज बतौर सबूत दिखाया। इससे पहले उन्होंने 1,728 पन्नों का दस्तावेज लोकायुक्त को सौंपा था। द्विवेदी ने कहा कि उन्हें जान-माल की धमकियां मिल रही हैं। प्रजापति ने कोई धमकी नहीं दी है, लेकिन कुछ लोग उन्हें देख लेने की धमकी दे रहे हैं। उधर, इस ताजे मामले को लेकर प्रजापति से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त से की है शिकायत
दूसरी ओर, लोकायुक्त ने कहा कि द्विवेदी ने आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप लगाते हुए प्रजापति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के साथ दस्तावेज भी दिए हैं। लोकायुक्त ने कहा कि द्विवेदी यदि और दस्तावेज देते हैं तो जांच में आसानी होगी। इस बीच चर्चा है कि लोकायुक्त के पास सपा मंत्री अंबिका चौधरी और अरविंद सिंह गोप की शिकायत पहुंची है। हालांकि, लोकायुक्त ने साफ किया है कि उनके पास अंबिका चौधरी और अरविंद सिंह गोप के बारे में कोई शिकायत नहीं आई है।
प्रजापति के चरित्र पर उठाए सवाल
द्विवेदी ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि प्रजापति की नाजायज बेटी भी है। उनकी महिला मित्र गुड्डा की बेटी से प्रजापति का डीएनए टेस्ट करा लिया जाए जिसमें सच्चाई सामने आ जाएगी। गीतापल्ली स्थित उनके आवास प्रजापति भवन में गुड्डा रहती है। गुड्डा 550 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन हैं, जबकि वे एपीएलकार्ड धारक हैं। द्विवेदी के मुताबिक, गुड्डा के पास इतना कालाधन कहां से आया, यह आपने आप में जांच का विषय़ है। ऐसे में स्वाभाविक है कि प्रजापति का पैसा लगा है।
आगे पढ़िए चुनावी हलफनामे में प्रजापति ने दी है झूठी जानकारी…
द्विवेदी ने चुनौती दी है कि प्रजापति ने मानहानि का मुकदमा ठोकने की धमकी दी थी, लेकिन जिसके पास चरित्र नहीं है वह मानहानि का दावा क्या करेगा। उन्होंने कहा कि राजनीति से संन्यास लेने का दावा करने वाले प्रजापति खुलासा करें कि इतनी बड़ी संपत्ति उनके पास कहां से आई।
द्विवेदी के अनुसार, प्रजापति ने 2012 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को एक करोड़ 83, लाख रुपए की संपत्ति होने का हलफनामा दिया था। वह हलफनामा भी झूठा है। चुनाव लड़ने से पहले प्रजापति परिवार के पास 943 करोड़, 80 लाख, 57 हजार रुपए से अधिक की संपत्ति थी। उन्होंने बताया कि झूठा हलफनामा देना कानूनी अपराध है। इस संबंध में प्रजापति की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग चुनाव आयोग से करेंगे।
अभी और भी हैं अकूत संपत्तियां
द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के जरिए प्रजापति परिवार की 1,350 करोड़ रुपए की संपत्ति के दस्तावेज जुटाए हैं। इनमें लखनऊ सदर, मेरठ, मोहनलाल गंज, फतेहपुर में खरीदी गई संपत्तियों की रजिस्ट्री शामिल हैं। बसपा के पूर्व मंत्री बाबूलाल कुशवाहा का फतेहपुर में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज भी प्रजापति ने खरीदा है।
उन्होंने बताया कि अभी इंदौर, भोपाल, कोलकाता और महाराष्ट्र की संपत्तियों के दस्तावेज आने बाकी हैं। इसी महीने की 22 तारीख को वे लोकायुक्त को 4,500 करोड़ रुपए की और संपत्तियों के दस्तावेज देंगे। वहीं, रविवार को राज्यपाल राम नाइक से मुलाकात कर वे प्रजापति की शिकायत करेंगे और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
आगे पढ़िए द्विवेदी ने कहा- मामले पर अंतिम फैसला होने तक जारी रखेंगे कानूनी संघर्ष…
द्विवेदी का कहना है कि यदि सीबीआई जांच नहीं हुई तो वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामले को ले जाएंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी जांच की मांग की जाएगी। प्रजापति का काला चिठ्ठा वे जनता के सामने लाकर ही दम लेंगे।
मंत्री का ड्राइवर 37 करोड़ रुपए की संपत्ति का है मालिक
द्विवेदी के मुताबिक, प्रजापति का ड्राइवर रामराज 37 करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक है। इसी तरह दूसरे ड्राइवर राम सहाय के पास सात, करोड़ 80 लाख रुपए की संपत्ति है। बेटे अनुराग के नाम पर छह करोड़, 50 लाख रुपए की संपत्ति है। दूसरे बेटे अनिल के पास करीब तीन करोड़, 48 लाख रुपए की संपत्ति है, जिसकी जायदाद की कीमत 32 करोड़, 18 लाख रुपए है। हैरानी वाली बात है कि सभी बीपीएल कार्ड धारक हैं। इसी तरह भाई, पत्नी और कंपनियों के नाम बेहिसाब संपत्ति है। विकास वर्मा कंपनियों का कामकाज संभालते हैं।
प्रजापति को बताया आस्तीन का सांप
द्विवेदी ने प्रजापति पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बरगलाने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, प्रजापति उलूल-जुलूल बातों से सीएम और नेताजी को खुश करके अपने आप को ताकतवर शिद्ध करना चाहते हैं। प्रजापति मुलायम के लिए आस्तीन के सांप हैं। उन्होंने सीएम से तत्काल प्रजापति को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
दो दशक से है द्विवेदी की प्रजापति से पहचान
द्विवेदी ने बताया कि वे प्रजापति को 20 साल से जानते हैं। वे प्रजापति के राजनीतिक गुरु रहे हैं। द्विवेदी प्रतापगढ़ के रहनेवाले हैं और खुद को अंकगणित का ज्योतिषी बताते हैं। उनके अनुसार, प्रजापति की हर हकीकत जानते हैं। वह साल 2002 में गरीबी रेखा के नीचे जीवन- यापन करनेवाले अन्तयोदय कार्डधारक थे। वर्ष 2012 में प्रजापति एपीएलकार्ड धारक बने, जिनकी सालाना आमदनी 24000 रुपए थी।
द्विवेदी ने बताया कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रजापति से मिलने की कई बार कोशिश की, लेकिन उन्होंने व्यस्तता बताकर मिलना नहीं चाहा। प्रजापति द्विवेदी के पिता के निधन और पारिवारिक शादी में भी नहीं आए। द्विवेदी के अनुसार, पता चला कि प्रजापति जमीन खरीदी में व्यस्त थे। लिहाजा जहां-जहां जमीन खरीदी जा रही थी उनकी प्रमाणित प्रतियां निकलवाना उन्होंने शुरू की औऱ हाल में कई दस्तावेज लोकायुक्त को सौंपे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें