गुरुवार, 10 मई 2012

क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी भी छीन लेगी जेल.


आरुषि मर्डर मिस्ट्री: ए स्टोरी बाई एन अनफॉरच्युनेट मदर

गाजियाबाद/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Thursday, May 10, 2012    12:10 AM
Aarushi Murder Mystery A Story by An unforchunate Mother
जिस मां के दामन पर फूल सी बेटी के खून के छींटे हैं, वही उसके कत्ल की कहानी लिख रही है। गाजियाबाद जेल में बंद नोएडा की डॉ. नूपुर तलवार ने चुपके-चुपके आरुषि मर्डर केस को किताब में समेटने की ठानी है। वह आरुषि मर्डर मिस्ट्री की तुलना डेथ स्टोरी ऑफ डायना से कर रही हैं।

संभावित किताब को उसने नाम दिया है-ए स्टोरी बाई एन अनफॉरच्युनेट मदर। जब तक जेल प्रशासन को पता लगा, नूपुर 17 पन्ने लिख भी चुकी हैं। फिलहाल जेल प्रशासन ने कोर्ट की अनुमति जरूरी बताकर नूपुर के किताब लिखने पर रोक लगा दी है।

पति डॉ. राजेश तलवार के साथ नूपुर पर भी बेटी और नौकर हेमराज के कत्ल के आरोप हैं। नूपुर 3 मई से डासना जेल में बंद हैं। बुधवार सुबह जब नूपुर को जेल से पेशी के लिए कोर्ट लाने की तैयारी चल रही थी तो वे अपनी बैरक में हाथ से लिखे कुछ कागज समेटती नजर आईं।

अंग्रेजी में लिखे पन्ने भी एक-दो नहीं, पूरे 17 । जेल अधीक्षक ने पूछा तो कहने लगीं- पूरी दुनिया में चर्चित हो चुके आरुषि कांड की मिस्ट्री का ‘सच’ सामने लाना चाहती हूं। आरुषि की मौत को उसने राजकुमारी डायना समेत विश्व की टॉप टेन डेथ स्टोरी में शुमार किया। बोलीं, आरुषि मर्डर मिस्ट्री पर किताब लिख रही हूं।

जेल सूत्रों के मुताबिक, नूपुर बैरक में बंद अन्य महिला बंदियों से ही कागज-कलम लेकर लिखने में लगी हैं। कहानी में वह पति राजेश तलवार से लेकर हर उस शख्स को शामिल करने जा रही हैं, जिसका नाम आरुषि कांड से किसी ने किसी रूप में जुड़ा रहा है। नूपुर किताब के जरिए कौन सा ‘सच’ सामने लाना चाहती हैं, इस पर हर किसी की निगाहें हैं।

जेल प्रशासन ने रोके नूपुर के हाथ
जेल प्रशासन से न तो नूपुर ने किताब लिखने के लिए कोई अनुमति मांगी है और न ही जेल प्रशासन ने उसे लेखन सामग्री उपलब्ध कराई है। नूपुर से कहा गया है कि किताब लिखने के लिए उसे पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। फिलहाल जेल प्रशासन ने उसके किताब लिखने पर पाबंदी लगा दी है।--डॉ. वीरेश राज शर्मा, जेल अधीक्षक गाजियाबाद

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