(अमर उजाला से साभार)
माया पलटीं, कहा जनलोकपाल के साथ नहीं | ||||||||||||||||||||||
लखनऊ। | ||||||||||||||||||||||
Story Update : Saturday, August 27, 2011 12:28 AM | ||||||||||||||||||||||
अन्ना के आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान कर चुकीं बसपा सुप्रीमो और मुख्यमंत्री मायावती शुक्रवार को पलट गईं। शुक्रवार को आननफानन बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने साफ कि या कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ तो हैं पर अन्ना के जन लोकपाल बिल के साथ नहीं। पूरे मामले पर तीखे तेवर अपनाते हुए उन्होंने अन्ना हजारे को अगला लोकसभा चुनाव लड़ अपनी मर्जी का लोकपाल बिल पास कराने की सलाह दे दी। केवल बड़े अफसरों को ही शामिल करना चाहिए शुक्रवार को मायावती ने केंद्र सरकार से कहा है कि लोकपाल संस्था में अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यकों को डॉ. अंबेडकर की मंशा के अनुरूप प्रतिनिधित्व दे। यही नहीं बिल की मसौदा कमेटी में भी दलितों और सभी धर्मों के लोगों को प्रतिनिधित्व देने का मसला उन्होंने उठाया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इसके बिना वह संसद में लाए गए लोकपाल बिल को समर्थन नहीं देगी। उन्होंने कहा कि नया लोकपाल बिल संविधान के दायरे में ही बनना चाहिए और लोकपाल संस्था के दायरे में इसमें केवल बड़े अफसरों को ही शामिल करना चाहिए। अन्ना का अनशन खत्म कराया जाना चाहिए यही नहीं मायावती ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि कुछ जातिवादी और सांप्रदायिक ताकतें देश के संविधान को बदलने की कोशिश में अंदर ही अंदर कुछ कर रही हैं। मायावती ने कहा कि अन्ना हजारे की टीम को चाहिए कि वह अब आंदोलन करने के बजाए 2014 के लोकसभा चुनाव में उतरें और अपनी सरकार बना कर अपनी मर्जी का लोकपाल बिल पास कराएं। मायावती ने कहा अन्ना हजारे के आंदोलन की आड़ में एनडीए व यूपीए बीच जो चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है वह अब बंद होना चाहिए और अन्ना का अनशन खत्म कराया जाना चाहिए। जनलोकपाल बिल पर जाहिर की राय मायावती ने कहा कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका का लाने का सवाल है तो जो निर्णय आम सहमति से होगा बसपा उसका समर्थन करेगी। मायावती ने कहा लोकपाल बिल में संपूर्ण सरकारी तंत्र को लाने की बात है तो उच्च पदों पर बैठे लोगों को ही इसके दायरे में लाया जाना ठीक है। ऊंचे पदों पर बैठे लोग यदि भ्रष्टाचार से मुक्त होंगे तो वे निचले स्तर पर पर भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकेंगे, जहां तक राज्यों में लोकायुक्त बनाने की बात है तो यह राज्यों का अधिकार है। यूपी में लोकायुक्त संस्था काफी प्रभावी है और उसकी सिफारिशों पर सरकार ने अमल भी किया है। लोकपाल बिल में सिटीजन चार्टर की बात कही गई है प्रदेश सरकार ने तो पहले से ही जनहित गारंटी अधिनियम के जरिए इसे लागू किया जा चुका है। अन्ना के आंदोलन पर चिंता मायावती ने कहा कि अन्ना के आंदोलन के दौरान रामलीला मैदान में कुछ असामाजिक तत्वों की उपस्थिति पाई गई है, गृह मंत्रालय उस पर सख्ती से निपटे। उत्तर प्रदेश में अन्ना समर्थक अभी तक शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं पर उनको वह एडवांस में आगाह करती हैं। यदि उन्होंने कानून हाथ में लिया तो फिर उन सख्त क ार्रवाई की जाएगी। ---------
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