शुक्रवार, 11 मई 2012

कभी ये जिलाधिकारी हुआ करते थे गाजियाबाद के

आइएएस प्रदीप शुक्ला को सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा
May 10, 09:29 pm
गाजियाबाद, जागरण संवाद केंद्र
एनआरएचएम (नेशनल रूरल हेल्थ मिशन) घोटाले के प्रमुख आरोपी आइएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला को सीबीआइ की विशेष अदालत ने सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। सीबीआइ ने बृहस्पतिवार सुबह लखनऊ से प्रदीप शुक्ला को गिरफ्तार किया और शाम में गाजियाबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया। सीबीआइ ने प्रदीप शुक्ला के 10 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की थी। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि प्रदीप शुक्ला जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मामले की आगे की जांच के लिए पुलिस कस्टडी आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले एनआरएचएम घोटाले में प्रदीप शुक्ला की गिरफ्तारी को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। प्रदीप शुक्ला के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। बृहस्पतिवार को सीबीआइ ने मुकदमा संख्या-आरसी 003-2012 में प्रदीप शुक्ला को लखनऊ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। प्रदीप शुक्ला पर आरोप है कि प्रमुख सचिव परिवार कल्याण के पद पर रहते हुए प्रदेश के 89 अस्पतालों के आधुनिकीकरण के काम में अनियमितता बरतीं। सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक एक अस्पताल का ठेका देने के एवज में प्रदीप शुक्ला ने 25 लाख रुपये की रिश्वत ली। निर्माण का ठेका मन के मुताबिक निर्माण कंपनी पैकफेड को दिया गया। पहले ठेका यूपीपीसीएल को दिया गया था। आरोप है कि यूपीपीसीएल और पैकफेड के बीच कई बार ठेका देने और फिर उसे निरस्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई। सीबीआइ का आरोप है कि इस मामले की जांच में प्रदीप शुक्ला सहयोग नहीं कर रहे थे। गाजियाबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में बृहस्पतिवार की शाम प्रदीप शुक्ला को पेश किया गया। सीबीआइ और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जज डॉ. एके सिंह ने प्रदीप शुक्ला को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। प्रदीप शुक्ला के वकील जेपी शर्मा ने बताया कि प्रदीप शुक्ला जांच में लगातार सहयोग कर रहे थे। वह अब तक 17 बार सीबीआइ के समक्ष पेश हो चुके हैं। कोर्ट में प्रदीप शुक्ला ने स्वयं भी गिरफ्तारी पर विरोध जताया। जेपी शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने प्रदीप शुक्ला को 17 मई की दोपहर 12 बजे तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा है।

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