गुरुवार, 14 जुलाई 2011

CBI करेगी डॉ सचान की जेल में हत्या की जांच

CBI करेगी डॉ सचान की जेल में हत्या की जांच
नई दिल्ली, एजेंसी


डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाई़ एस़ सचान की लखनऊ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई जांच की मांग सम्बन्धी याचिका पर अदालत के गुरुवार को आने वाले निर्णय से एक दिन पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने की सिफारिश कर दी।
मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में डाक्टर सचान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के प्रकरण की विवेचना की समीक्षा करते हुए असंतोषजनक प्रगति पर अफसरों को कड़ी फटकार लगाई और मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिये।
गौरतलब है कि डाक्टर सचान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई जांच की मांग सम्बन्धी अर्जी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ कल अपना फैसला सुनाने वाली है। उससे ऐन पहले सरकार ने यह कदम उठाया है।
मायावती ने कहा कि डाक्टर सचान के परिजन ने राज्य पुलिस के प्रति अविश्वास प्रकट किया था। इसलिये सरकार ने कल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष मामले की तहकीकात विशेष जांच दल से कराने का इरादा जताया था।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चूंकि डाक्टर सचान के परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। इसलिये इस मामले की जांच फौरन शीर्ष एजेंसी के सुपुर्द की जाए।
मुख्यमंत्री ने पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों को आड़े हाथ लेते हुए डाक्टर सचान के परिजन की मंशा के अनुरूप शीर्घ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सीबीआई इस प्रकरण में निष्पक्षता और पारदर्शितापूर्ण तरीके से जांच करके सच को जल्द उजागर करेगी।
गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में मारे गए मुख्य चिकित्साधिकारी बी़ पी़ सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त डिप्टी सीएमओ डाक्टर वाई़ एस़ सचान गत 22 जून को लखनउ जिला जेल के अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मत पाए गए थे।
राज्य सरकार ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था, जबकि मामले की न्यायिक जांच में इसे प्रथम दृष्टया हत्या करार दिया गया था.
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केंद्र सरकार का लोकपाल विधेयक जोकपाल है: केजरीवाल
भोपाल, एजेंसी

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केन्द्र सरकार की संयुक्त समिति द्वारा प्रस्तावित लोकपाल विधयक के मसौदे को कमजोर बताते हुए सिविल सोसायटी के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह लोकपाल नहीं, बल्कि जोकपाल है।
देश में सख्त लोकपाल विधेयक लाये जाने के लिये विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि संयुक्त समिति द्वारा प्रस्तावित लोकपाल विधेयक अत्यंत कमजोर, लूला और लंगडा़ है तथा हम उक्त विधयेक को मंजूर नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार मजबूत और सख्त लोकपाल विधेयक लेकर नहीं आती है तो अन्ना हजारे 16 अगस्त से नयी दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठेंगे और यदि सरकार बाबा रामदेव के समान हमारे आंदोलन को कुचलती है तो भी हम सरकार की लाठियां और गोलियां खाने से नहीं डरेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार दिल्ली में तो धारा 144 लगाकर आंदोलन कुचल सकती है, लेकिन यदि देश की जनता एक हफ्ते की छुट्टी लेकर अपने अपने घरों के सामने राष्ट्रीय ध्वज लेकर नारे लगाये तो सरकार पूरे देश में निषेधाज्ञा नहीं लगा सकती और 120 करोड अन्ना हजारे को गिरफ्तार नहीं कर सकती।

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