मंगलवार, 12 जुलाई 2011

मेरा भाई कलमाड़ी निर्दोष है: दिग्विजय सिंह


दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह इससे पहले भी कई विवादस्पद बयान दे चुके हैं.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर विवादस्पद बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि सुरेश कलमाड़ी और अशोक चह्वाण निर्दोष हैं.
पुणे में एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि सुरेश कलमाड़ी को तिहाड़ जेल में यातनाएं सहनी पड़ रही हैं.
साथ ही उनका कहना था कि चूंकि राष्ट्रमंडल खेल में चल रही जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दायर की जा चुकी है, तो कलमाड़ी को अदालत से ज़मानत दे दी जानी चाहिए.
भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में कथित भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, तो वहीं आदर्श सोसाइटी घोटाले में नाम आने के बाद अशोक चह्वाण को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
दोनों के प्रति सहानुभूति जताते हुए हुए उन्होंने कहा, "हमें इस बात का दुख है कि अशोक चह्वाण जी को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा. हमें इस बात का दुख है कि हमारे भाई सुरेश कलमाड़ी जी को आज यातनाएं सहनी पड़ रही हैं. मुझे निजी तौर पर पूरा यक़ीन है कि ये दोनों निर्दोष हैं और निर्दोष साबित होंगें."
भारतीय जनता पार्टी ने दिग्विजय सिंह के इस बयान की कड़ी आलोचना की है.
ग़ौरतलब है कि पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार को लेकर विवादों के घेरे में आई कांग्रेस पार्टी ने अपनी छवि सुधारने के लिए कई भ्रष्टाचार के मामलों में कड़े कड़े क़दम उठाए.
जहां अशोक चह्वाण का आदर्श सोसाइटी घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें उनके पद से इस्तीफ़ देने को कहा गया था, वहीं कलमाड़ी के ख़िलाफ़ आरोप लगने के बाद उन्हें भी उनके पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया था.

विवादों का घेरा

कहा जा रहा है कि ऐसे समय में जब देश में भ्रष्टाचार को लेकर आम जनता में आक्रोश है और कांग्रेस अपनी छवि को सुधारने में लगी है, दिग्विजय सिंह की इस टिप्पणी से पार्टी अलग थलग पड़ सकती है.
हमें इस बात का दुख है कि अशोक चह्वाण जी को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा. हमें इस बात का दुख है कि हमारे भाई सुरेश कलमाड़ी जी को आज यातनाएं सहनी पड़ रही हैं. मुझे निजी तौर पर पूरा यक़ीन है कि ये दोनों निर्दोष हैं और निर्दोष साबित होंगें
दिग्विजय सिंह
ये पहली बार नहीं है कि दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष के ख़िलाफ़ जा कर विवादस्पद टिप्पणी की है.
इससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में कथित जासूसी के मामले में जांच की मांग की थी, जबकि कांग्रेस ने इस मामले को ज़्यादा तूल न देते हुए रफ़ा दफ़ा कर दिया था.
उन्होंने कहा था, “मुझे इस बात पर हैरानी है कि वित्त मंत्री के कार्यालय में जासूसी की जा सकती है. मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर अपना पक्ष साफ़ करना चाहिए और इसकी जांच करवानी चाहिए.”
गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी इस मुद्दे पर जांच की मांग की थी.
पिछले साल दिग्विजय सिंह ने बटला हाउस मुठभेड़ मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी.
उन्होंने कहा था कि दिल्ली के बटला हाउस में पुलिस और कथित चरमपंथियों के बीच हुई मुठभेड़ नकली थी, लेकिन उत्तर प्रदेश और अन्य भागों में अल्पसंख्यक युवा वर्ग के लिए ये एक भावनात्मक मुद्दा था कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
लेकिन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मानना था कि इस घटना की न्यायिक जांच का कोई आधार नहीं है.
(bbc se Sabhar)

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