बुधवार, 11 मई 2011

भ्रष्टाचार पर गोविंदाचार्य का अनशन


(आदरणीय गोविन्दाचार्य जी आप के पावन अभियान में जो नाम आये हैं उनमें आप इनको पहचानते है भारतीय जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अमर सिंह )
May 11, 01:12 am
लखनऊ, [जागरण ब्यूरो] भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को बल देने के लिए राष्ट्रवादी मोर्चा के संयोजक केएन गोविंदाचार्य ने मंगलवार को यहां झूलेलाल पार्क में एक दिन का अनशन किया। उनके साथ कई समाजसेवी व अन्य संगठनों के लोग भी अनशन पर रहे। इस दौरान गोविंदाचार्य ने मांग की कि विदेशी बैंकों में जमा काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर उसे वापस लाया जाए। इसके लिए कानून भी बनाया जाए।
अनशन स्थल पर गोविंदाचार्य ने कहा कि यह लड़ाई जारी रहेगी। चार जून को बाबा रामदेव निर्णायक रूप से अनशन पर बैठेंगे। उन्हें समर्थन देने के लिए यह अनशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में भारत का 400 लाख करोड़ रुपये जमा है। यह राशि वापस आ जाये तो देश की तस्वीर बदल जाए। उन्होंने मांग की कि काला धन वापस लाने के लिए सरकार को संयुक्त राष्ट्र की भ्रष्टाचार विरोधी संधि को सत्यापित किया जाना चाहिए। इससे इस मुद्दे पर भारत को अपने आप अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मिल जाएगा। इसी तरह विदेशी बैंकों में खाता खोलने के लिए भारत सरकार की अनुमति अनिवार्य की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के विदेशी बैंक में धन रखने को हवाला अपराध घोषित किया जाए और विदेशों में जमा अवैध धन को सरकार राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करे। इसके साथ ही विदेश व्यापार में आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों को इंटरनेट पर सार्वजनिक किया जाए।
अनशन में उनके साथ पूर्व एमएलसी रामाशीष राय, पर्यावरण विद अंशुमाली, भारतीय जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अमर सिंह, विहिप के संजय अवस्थी, राष्ट्रवादी मोर्चा के प्रवक्ता रूपेश पांडेय आदि लोग शामिल हुए। 'पचासी पैसे ढूंढ़ो' आंदोलन चला रहे देवी प्रसाद गुप्त, पूर्व डीजीपी ईश्वर चंद्र द्विवेदी ने भी अनशन स्थल पर आकर उन्हें समर्थन दिया।

अन्ना व बाबा रामदेव बुनियादी बातों पर एकमत
अनशन स्थल पर दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए गोविंदाचार्य ने इस बात से इनकार किया कि अन्ना हजारे का आंदोलन व बाबा रामदेव का आंदोलन अलग है। उन्होंने कहा कि दोनों लोग अलग-अलग आग्रह रखने के बावजूद बुनियादी बात पर एकमत हैं। अन्ना से पूछिए तो वे विदेशी पूंजी वापस लाने की रामदेव की मांग का समर्थन करेंगे। इसी तरह रामदेव भी लोकपाल पर उनके समर्थन में खड़े नजर आएंगे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी मोर्चा के घटक दल चुनाव में शिरकत करेंगे। क्या इसका भाजपा पर भी असर पड़ेगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा के सोचने का विषय है।

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