रविवार, 8 मई 2011

अब बंद करो लूट पाट विकास के नाम पर

(सारे भ्रष्टाचार की जड़ ही ये विकास  वाद  है, किसानों की जमीं लेकर उनकी रोज़ी रोटी ले रहे हो नए नए जमींदार बनाने वाली ये सरकारें क्या इन्हें पता है ये उद्योग लगाने वाले 'किसानो को क्यों खदेड़ रहे हैं' क्योंकि उन्हें पता है की जब ये सब खरीदकर जमींदार हो जायेंगे तो यही किसान इनका विरोध करेंगे .)
किसान-पुलिस संघर्ष
लखनऊ, जाब्यू : विपक्ष ने ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में पुलिस और किसानों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण किसानों का आक्रोश इस हद तक भड़का कि उन्हें हिंसा का सहारा लेना पड़ा।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए जेपी समूह को किसानों की भूमि का जबरन अधिग्रहण कराया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के डीएम और एसएसपी के घायल होने और दो सिपाहियों की मौत की सच्चाई जानने के लिए उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। गांव के लोगों को अपनी जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। किसानों द्वारा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर हमले के सरकारी बयान को सपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार की सोची समझी चाल बताया।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा है कि सरकार किसानों को उनकी बेशकीमती जमीन का मुआवजा 850 रुपये प्रति वर्गमीटर दे रही है लेकिन वही जमीन उद्योगपतियों को तीस हजार रुपये वर्गफुट की दर से बेची जा रही है। ऐसे में किसान जब अपनी जमीन के वाजिब मुआवजे की मांग करते हैं तो उन पर गोलियां चलायी जाती हैं। सरकार संवेदनशील हो तो समस्या के समाधान का तरीका निकल सकता है लेकिन तानाशाह प्रदेश सरकार लाठी-गोली के बल पर किसानों की जमीन सस्ते में लेकर उद्योगपतियों को फायदा कराने में जुटी है। अगर किसानों को कानून को अपने हाथ में लेना पड़ा है तो यह बात आसानी से समझी जा सकती है कि किस हद का असंतोष होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि भूमि का अधिग्रहण जबर्दस्ती नहीं बल्कि किसानों की सहमति के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण किसान आंदोलित होते रहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में गोलीकांड की घटना के कारण उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भू-माफिया, ठेकेदारों और पूंजीपतियों के दलाल के रूप में कार्य करके किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव लेती है और फिर भारी कमीशनखोरी कर पूंजीपतियों को वही जमीन बेच दी जाती है। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि बसपा सरकार में लाठी-गोली के कारण आधा दर्जन किसानों को जान गंवानी पड़ी फिर भी सरकार की नापाक कोशिशों में कोई कमी नहीं आयी। परिणामस्वरूप आज पुन: वही घटना हुई।
लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह व प्रदेश महासचिव अनिल दुबे ने शनिवार की घटना को प्रदेश सरकार द्वारा प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए जबरन किये जा रहे भूमि के अधिग्रहण का परिणाम बताया है। घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए रालोद नेताओं ने कहा कि पूरी पार्टी किसानों के साथ है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने गोलीकांड की घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार बताया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहा कि दिल्ली से 150 किलोमीटर की दूरी तक प्रदेश सरकार के सर्वोच्च नेताओं और शासक दल को आर्थिक लाभ पहुंचाने वाले उद्योगपतियों, व्यापारियों और बिल्डरों की कड़ी नजर है। ये लोग येन-केन प्रकारेण किसानों की बहुमूल्य जमीन को हड़पने में जुटे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है और वे अपनी जमीन को बचाने के लिए संघर्षरत हैं। भाकपा ने किसानों की उपजाऊ जमीन को हड़पने की सरकारी कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग की है।

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