सोमवार, 14 मई 2012

NRHM


जेल पहुंचे एनआरएचएम घोटाले के तीनों आरोपी

Story Update : Wednesday, January 11, 2012    1:08 AM
डासना जेल के बैरक नंबर सात (ए) में रखा गया, सीबीआई की रिमांड अर्जी नामंजूर
गाजियाबाद। चर्चित एनआरएचएम घोटाले के आरोपियों दवा कारोबारी सौरभ जैन, यूपीएसआईसी के एमडी अभय कुमार वाजपेयी और पूर्व डीजी हेल्थ एसपी राम को मंगलवार सुबह विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। तीनों की पुलिस रिमांड अवधि समाप्त होने पर सीबीआई टीम साढ़े 10 बजे उन्हें लेकर विशेष न्यायाधीश एके सिंह की कोर्ट पहुंची थी। सीबीआई की ओर से सौरभ जैन और एसपी राम को फिर से पुलिस रिमांड पर दिए जाने की अर्जी कोर्ट में दी गई, जिसे कोर्ट ने लंच के बाद नामंजूर कर दिया। इन्हें 6 जनवरी को रिमांड पर दिया गया था।
सीबीआई की ओर से उनके स्पेशल लोक अभियोजन अधिकारी वीके शर्मा ने अदालत में अर्जी लगाते हुए कहा कि सौरभ जैन को १० दिन और एसपी राम को ३ दिन के लिए फिर से पुलिस रिमांड पर दिया जाए। लोक अभियोजक का कहना था कि डेढ़ करोड़ के इस घोटाले में सौरभ जैन सीबीआई को सहयोग नहीं कर रहा है। सीबीआई घोटाले के दौरान उपयोग किए गए अभियुक्तों के मोबाइल फोन और सिम कार्ड के अलावा उनके बिल-बाउचर भी बरामद कराना चाहती है। आरोपियों के वकील शिवदत्त त्यागी और राम अवतार गुप्ता ने अर्जी के विरोध में कहा कि पुलिस पहले ही आरोपियों को पुलिस रिमांड पर ले चुकी है। लिहाजा अब रिमांड की जरूरत बाकी नहीं रह जाती। दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने अर्जी पर फैसला लंच बाद तक सुरक्षित रखा। दोपहर करीब ढाई बजे कोर्ट ने दाखिल अर्जी को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया गया। जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज ने बताया कि तीनों को बैरक नंबर सात (ए) में रखा गया है। अगली सुनवाई २४ जनवरी को होगी।
(वाजपेयी जी उ.प्र.प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, गाजियाबाद में पोस्टेड रहे हैं और बहुत ही महाँ और संत छवि के व्यक्ति रहे हैं)
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काली कमाई : चारों दागी अफसर पद से हटाए गए

लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Monday, May 14, 2012    2:06 AM
Black money four fired officers were removed from office
प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण में अहम पदों पर रहते हुए काली कमाई करने वाले चार अफसरों को उनके पद से हटा दिया है। अब यह अफ सर प्राधिकरण से संबंद्ध कर दिए गए हैं। इनमें प्राधिकरण के जीएम (प्रापर्टी) रवींद्र सिंह टोंगर, जीएम (प्रोजेक्ट) एसएसए रिजवी, जीएम (वित्त) ललित विक्रम व सीनियर एकाउंट अफसर रामपाल बर्मन शामिल हैं। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री अखिलेश के निर्देश पर की गई है।
इसी कड़ी में औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता ने आयकर महानिदेशक (जांच) को पत्र लिख कर कहा कि छापों व बरामदगी के संबंध में प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द दे ताकि आरोपी अफसरों पर आगे की कार्रवाई की जा सके। अब सरकार को उनके खिलाफ आयकर विभाग की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सतर्कता जांच के घेरे में लिया जा सकता हैै। इन अफसरों के आवासों पर पिछले दिनों इनकम टैक्ट छापे से एक अरब की अवैध कमाई का खुलासा हुआ था। अवैध तरीके से कमाए गए इस धन को अपने रिश्तेदारों की कंपनियाें में लगाया था। रवींद्र सिंह ने 82 करोड़, रिजवी ने एक करोड़, ललित विक्रम ने सात करोड़ और बर्मन ने 10 करोड़ का अवैध धन कमा कर अन्य कंपनियाें में निवेश कर रखा था। इसमें बिल्डरों की भी मिलीभगत सामने आई है।
आयकर महानिदेशक (जांच) एसएस वाजपेयी को पत्र लिख कर कहा गया है कि छापे और बरामदगी के संबंध में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध करवा दे ताकि सरकार इस संबंध में कार्रवाई कर सके । अब आयकर विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है और उसके बार इन अफसरों पर कार्रवाई होगी। इसमें उनके खिलाफ सतर्कता जांच भी संभव है।
अनिल कुमार गुप्ता, औद्योगिक विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश
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