सोमवार, 23 जनवरी 2012

यह भारत है -


भारत आने से रोकने को रची गई साजिश

Jan 22, 10:15 am
न्यूयार्क। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा सलमान रुश्दी की जान को खतरा होने की खुफिया जानकारी से इंकार किए जाने के बाद लेखक ने नाराजगी व्यक्त की है। भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक रुश्दी ने कहा कि राजस्थान पुलिस ने उनसे झूठ बोला। यह उन्हें भारत आने से रोकने के लिए सोची-समझी साजिश थी।
विवादास्पद लेखक ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा,'राजस्थान पुलिस ने मुझे महोत्सव से दूर रखने की साजिश रची। मैंने इसकी जांच की है। मुझे विश्वास है कि मुझसे झूठ बोला गया है। मैं बहुत गुस्से में हूं।' रुश्दी ने शुक्रवार को भारत दौरा रद करते हुए बयान जारी किया था कि उनकी जान को अंडरव‌र्ल्ड से खतरा है। प्रतिबंधित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' में इस्लाम विरोधी बातें लिखे जाने को लेकर मुस्लिमों में भारी रोष है। कई धार्मिक संगठनों ने उनके दौरे का विरोध किया था। विरोध के चलते स्थानीय प्रशासन, राजस्थान सरकार व आयोजक काफी परेशान थे। जयपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि रुश्दी को केवल कट्टरपंथियों से खतरा है, अंडरव‌र्ल्ड से नहीं।
अपने ट्वीट पर एक टिप्पणी के जवाब में रुश्दी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसके निर्देश पर राजस्थान पुलिस ने यह झूठी खुफिया जानकारी दी। उनसे ट्विटर पर पूछा गया कि क्या यह वही पुलिस है जो उनकी प्रतिबंधित पुस्तक के कुछ अंश साहित्य महोत्सव में पढ़ने पर कुछ लेखकों को गिरफ्तार करना चाहती है। उन्होंने कहा, 'मेरा अनुमान है कि हरी कुंजरू, अमिताव, जीत थायिल और रुचिर जोशी जैसे लेखकों को पकड़ने वाली पुलिस ने ही ऐसा किया होगा। यह घृणित कार्य है।' इन लेखकों ने रुश्दी का नाम आयोजन से हटाए जाने के बाद 1988 में आई सैटेनिक वर्सेज के कुछ अंश पढ़े थे। रुश्दी ने ट्विटर पर एक समाचार का लिंक भी पोस्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि राजस्थान के स्थानीय खुफिया अधिकारियों ने रुश्दी पर हमले की गलत सूचना गढ़ी ताकि लेखक को भारत आने से रोका जा सके।
रुश्दी के आरोप गलत: गहलोत
जयपुर। लेखक सलमान रुश्दी द्वारा राजस्थान पुलिस पर लगाए गए आरोपों को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह सही नहीं है। उनके सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे, क्योंकि यह सरकार की ड्यूटी थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रुश्दी भारत आने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं राजस्थान सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि रुश्दी की हत्या की सूचना इंटेलीजेंस ब्यूरो से मिली थी। जिसपर जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजकों ने रुश्दी को जयपुर न आने के लिए कहा था।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
जयपुर। सलमान रुश्दी के भारत दौरा रद करने के बाद महोत्सव में प्रतिबंधित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' के अंश पढ़ने वाले चार लेखकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। शिकायत जयपुर के अशोक नगर थाने में दर्ज कराई गई है, जिसमें अमिताव कुमार, हरि कुंजरू, रुचिर जोशी व जीत तायल पर आरोप लगाया है कि चारों ने जान बूझकर किताब के अंश पढ़े, जो आपराधिक कृत्य है, क्योंकि पुस्तक भारत में प्रतिबंधित है। शिकायत में दोषियों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। बताया गया है चारो लेखक महोत्सव छोड़कर चले गए हैं। महोत्सव आयोजकों ने कार्यक्रम में शामिल होने आए लेखकों को रविवार को चेताया कि अगर आयोजन के दौरान 'द सैटेनिक वर्सेज' के अंश पढ़े तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। गिरफ्तारी भी हो सकती है। आयोजन की सह निदेशक नमिता गोखले की ओर से कार्यक्रम में शामिल हो रहे सभी लेखकों को ई-मेल भेजा गया है। इस पर लेखकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
'द सैटेनिक वर्सेज' से प्रतिबंध हटे
जयपुर। लेखकों व कलाकारों के एक समूह ने 'द सैटेनिक वर्सेज' से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। इसके लिए लेखकों व कलाकारों की अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के समर्थन में मांग पत्र पेश किया। जयपुर साहित्य महोत्सव आयोजन समिति से जुड़े विलियम डेलरैम्पिल को प्रस्तुत किए गए इस मांग पत्र में सरकार से आग्रह किया गया है कि द सैटेनिक वर्सेज पर पिछले 23 सालों से जारी प्रतिबंध पर पुनर्विचार करे। साथ ही कहा गया है कि इस किताब ने कहीं हिंसा को नहीं उकसाया है, बल्कि दूसरे लोगों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा भड़काने में इस उपन्यास का इस्तेमाल किया है।

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