मंगलवार, 24 जनवरी 2012

इनका क्या कसूर है ?

इनका क्या कसूर है जब ये सत्ता के सिपाही हैं तो चुनाव आयोग को पहले ही इन्हें हटा देना था.

जल्द गिर सकती है कई अफसरों पर गाज

नई दिल्ली/लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो।
Story Update : Tuesday, January 24, 2012    4:29 AM
May soon fall victim to several officers
मुख्य सचिव अनूप मिश्रा, प्रमुख सचिव नियुक्ति कुंवर फतेह बहादुर, डीजी पीएसी बृजलाल समेत आधा दर्जन से ज्यादा आला अफसरों और दो दर्जन से ज्यादा डीएम व पुलिस कप्तानों के साथ-साथ अब छोटे अफसर भी चुनाव आयोग के सर्विलांस पर हैं। रिटर्निंग आफिसर (आरओ), सहायक रिटर्निंग आफिसर (एआरओ) व चुनाव प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों के कार्यकलापों पर भी आयोग नजर रखे हुए है।

चुनाव प्रक्रिया से सीधे जुड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा विभागीय अधिकारियों की गतिविधियों की मॉनीटरिंग शुरू करा दी गई है। अगर कहीं से किसी अधिकारी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने की शिकायत मिलती है तो उसकी गोपनीय जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, पता चला है कि दिल्ली में अनूप मिश्रा, कुंवर फतेह बहादुर, नवनीत सहगल, बृजलाल सहित कई जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को हटाने पर सहमति बन चुकी है। जल्द ही आदेश जारी हो सकते हैं।

दिल्ली में चुनाव आयोग ने दो दिन तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा के साथ बैठक करके न सिर्फ चुनावी तैयारियों की गहन समीक्षा की बल्कि उन अफसरों केबारे में भी तफसील से फीडबैक लिया गया जिन पर उंगलियां उठ रही हैं। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आयोग को कुछ विभागीय अधिकारियों के बारे में रिपोर्ट मिली है कि वे दल विशेष के पक्ष में काम कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि आरओ और एआरओ के अलावा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले खाद्य एवं रसद, परिवहन, राजस्व, शिक्षा सहित अन्य विभागों के निचले स्तर के अधिकारियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। अगर कहीं से किसी के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उसकी गोपनीय जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आयोग ने शासन केआला अधिकारियों के अलावा उन जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बारे में भी अपने स्रोतों से सूचनाएं एकत्र कराई हैं जिनके बारे में शिकायतें मिली हैं या जिनका आचरण संदिग्ध है। सूत्रों का कहना है कि आयोग एक-दो दिन के भीतर ही इन अफसरों को हटाने का फरमान जारी कर सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें