गुरुवार, 19 जनवरी 2012

और सख्त हुआ चुनाव आयोग


और सख्त हुआ चुनाव आयोग

Jan 18, 03:53 pm
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले रविवार को जन्मदिन के अवसर पर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर अपने मतदाताओं को संदेश देने में जुटी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कड़े शब्दों में आगाह कर दिया है। पलटवार करते हुए कुरैशी ने कहा कि आयोग की जिम्मेदारी है कि वह आचार संहिता का पालन करवाए। लिहाजा आयोग के फैसले पर अंगुली उठाने से पहले मायावती को सोचना चाहिए।
चुनाव आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के पार्को एवं भवनों में मौजूद हाथी और खुद मायावती की मूर्तियां ढक दी गई हैं। गत रविवार को मौका मिलते ही मायावती ने इसके जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी। फैसले को दलित विरोधी करार देते हुए उन्होंने 'खुला हाथी लाख का, बंद सवा लाख का' का नारा दिया था।
बुधवार को कुरैशी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बड़े पद पर आसीन नेताओं को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। 'अगर दूसरे दलों की ओर से भी पार्को में चुनाव चिन्ह लगाने की मांग उठने लगे तो वह क्या जवाब देंगे।' चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि सभी दलों को एक समान अवसर मुहैया कराए। आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त सरकारी भवनों में मौजूद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की फोटो भी हटा दी जाती हैं या फिर उन्हें ढक दिया जाता है। थोड़ा व्यंग्य के लहजे बोले, 'क्या किसी पार्टी का चुनाव चिन्ह या उसके नेता की मूर्ति इसलिए नहीं ढकी जानी चाहिए थी क्योंकि वह आकार में बड़ी या भव्य है?' सभी दलों को इसकी जानकारी है। ध्यान रहे कि इससे पहले आयोग पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के एक बयान पर याद दिला चुका है कि उन्हें अपने पद की गरिमा को देखते हुए आयोग पर आरोप लगाते समय सावधान रहना चाहिए।
जागरण से साभार 

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