रविवार, 3 जुलाई 2011

राजा-कनीमोरी पर जसवंत की राय से सिन्हा भी सहमत

(दैनिक जागरण से साभार)

राजा-कनीमोरी पर जसवंत की राय से सिन्हा भी सहमत

Jul 03, 12:53 am
चंडीगढ़। भाजपा नेता यशवंत सिन्हा भी 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जेल में बंद द्रमुक सांसद ए. राजा और कनीमोरी पर अपने पार्टी सहयोगी जसवंत सिंह की राय से सहमत हैं। जसवंत ने पूर्व संचार मंत्री राजा और कनीमोरी को जमानत नहीं देने के औचित्य पर सवाल खड़े किए थे।
जसवंत के बयान का समर्थन करते हुए सिन्हा ने शनिवार को यहां कहा, 'जेल में बंद लोगों को जमानत लेने का अधिकार है।' उन्होंने कहा, 'अपराधी को जमानत के लिए अदालत जाने का अधिकार है। अपराधी को जमानत देना या न देना अदालत का विशेषाधिकार है।' जसवंत की तरह सिन्हा ने भी इसे अपनी निजी राय बताया।
चिदंबरम की भूमिका की जांच हो
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की कथित भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की और उनपर आरोप लगाया कि इस मामले में उनकी भूमिका उन लोगों से कम नहीं है जो इस सिलसिले में जेल में बंद हैं।
सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा 'बतौर वित्त मंत्री पी चिदंबरम 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में उतनी ही गहराई से लिप्त हैं जितनी गहराई से ए राजा और कनिमोई, और औरों की भांति जबतक उनकी भूमिका की सीबीआई जांच नहीं होती तबतक इस मामले की जांच अपने तार्किक अंजाम तक नहीं पहुंच पाएगी।
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माया सरकार न जवाब देती है न हिसाब

Jul 02, 11:41 pm

माया सरकार न जवाब देती है न हिसाब

मेरठ। दो सीएमओ की हत्या, उनकी हत्या के आरोपी डिप्टी सीएमओ की जेल में रहस्यमयी मौत उत्तर प्रदेश में अनियमितता और लूटपाट की पोल खोलती है। उत्तर प्रदेश सरकार को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] के तहत हजारों करोड़ रुपए मिलते हैं। लेकिन मायावती सरकार इन पैसों का हिसाब-किताब नहीं देती।
यह आरोप केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने लगाए। वह शनिवार को यहां चौधरी चरण सिंह विवि में आयोजित एक संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्रालय संभालते हुए दो वर्ष हो गए, लेकिन यूपी सरकार ने किसी पत्र का आज तक जवाब भी नहीं दिया। नए कार्यक्रम, बीमारी या योजनाओं के बारे में हम पत्र द्वारा सूचित करते रहते हैं, लेकिन यूपी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आता। स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक की भी प्रदेश सरकार अनदेखी करती है। कोई मंत्री तो आता नहीं, शायद ही कभी कोई अधिकारी आया हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस विभाग में चल रहे गोरखधंधे की सूचना मिलने के बाद कई जिलों में अधिकारियों की टीम को जांच के लिए भेजा गया था। जांच में काफी कमियां पाई गई हैं। हालांकि इस सवाल पर कि क्या केंद्र इस रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई की तैयारी में है, मंत्री ने इतना कहा कि समय आने पर सब ठीक किया जाएगा।
गुलाम की उलटबांसी
गांधी दर्शन का पाठ पढ़ाने दिल्ली से मेरठ आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की जुबान भाषण के दौरान कई बार फिसली। शुरुआत में धर्म-जाति से ऊपर उठकर समाज हित में काम करने की बात करने वाले मंत्री थोड़ी ही देर में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के पेंच में फंस गए। उन्होंने भाषण में ही कह डाला कि 'मैं यह नहीं सोचता कि मैं हिंदू होता तो कुछ और बन जाता'।
इस बयान को लेकर सभागार में खुसर-फुसर होने लगी। भाषण के दौरान ही उन्होंने अपने बखान में यह भी कह डाला कि यह उन्हीं का प्रयास है कि पिछले वर्ष कश्मीर के युवाओं ने पत्थर फेंके, बम या ग्रेनेड नहीं फेंके।

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