बुधवार, 22 जून 2011

नकल से तैयार हो रहे थे मैनजमेंट गुरू

वाह भाई वाह ...................एजुकेशन हब और नक़ल माफिया.

नकल से तैयार हो रहे थे मैनजमेंट गुरू

Jun 22, 02:32 am
मेरठ, जागरण संवाददाता
गढ़ रोड स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर इंटर कॉलेज में मंगलवार को सामूहिक नकल का मामला प्रकाश में आया। सूचना के बाद परीक्षा कक्ष में पड़ताल करने पहुंचे मीडिया कर्मियों को देखकर भगदड़ मच गई। बड़े पैमाने पर छात्र गाइड, किताबें व पर्चियां रखकर नकल कर रहे थे। भंडाफोड़ के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य ने इंस्टीट्यूट संचालकों पर नकल कराने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। प्रधानाचार्य ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और यूनीवर्सिटी को भेजे गए पत्र में परीक्षा को निरस्त कर कहीं और परीक्षाएं कराने के लिए आग्रह किया है।
नागालैंड की द ग्लोबल ओपन यूनीवर्सिटी पत्राचार के माध्यम से स्नातक, परास्नातक, बीबीए, एमबीए, मॉस कम्युनिकेशन आदि कोर्स संचालित करती है। मेरठ महानगर में करीब दर्जन भर शिक्षण संस्थान ग्लोबल यूनीवर्सिटी के लिए एडमीशन करते हैं, जिसमें आरजी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज के पास स्थित यूआइएमटी, आइपीएस, सरस्वती, आईपीएम आदि शामिल हैं।
मंगलवार की सुबह दस बजे से यूनीवर्सिटी की परीक्षाएं शुरू हुई थीं। विभिन्न कोर्सो के लिए 42 छात्र-छात्राएं परीक्षाएं दे रहे थे, जिसमें अधिकांश परीक्षार्थी एमबीए और बीबीए के थे। सूचना पर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग एक साथ पहुंचे। परीक्षा कक्ष में खुलेआम नकल हो रही थी। लगभग हर परीक्षार्थी के पास किताब, गाइड या नकल की पर्ची थी। मीडिया को देखते ही मौके पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। परीक्षार्थी नकल सामग्री इधर उधर फेंकने लगे।
अंबेडकर कॉलेज के प्रधानाचार्य आरपी सिंह भी मौके पर पहुंचे। पहले तो उन्होंने नकल को सिरे से नकार दिया, मगर जब उन्हें वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ्स दिखाए गए तो उन्होंने पूरा दोष इंस्टीट्यूट संचालकों पर मढ़ दिया। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और यूनीवर्सिटी को भेजे गए पत्र में प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया है कि नकल माफिया उन पर नकल कराने का दबाव डाल रहे हैं। ऐसे में उनके कॉलेज से सेंटर हटा लिया जाए।
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प्रधानाचार्य और इंस्टीट्यूट संचालक में हुई भिडं़त
अंबेडकर स्कूल में चल रही नकल के खेल की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। जहां स्कूल प्रबंधन ने इंस्टीट्यूट संचालकों को कटघरे में खड़ा कर दिया, वहीं खुद प्रधानाचार्य भी कई सवालों को जवाब नहीं दे पाए। हालांकि खुद को बेदाग साबित करने के लिए प्रधानाचार्य और एक इंस्टीट्यूट संचालक में जोरदार कहासुनी हुई। मौके पर मौजूद यूआईएमटी के शगुन को प्रधानाचार्य आरपी सिंह से आड़े हाथों लेते हुए परीक्षा केंद्र तक पहुंचने पर जमकर हड़काया। हालांकि प्रधानाचार्य इस बात का जवाब नहीं दे सके कि जब परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी उनकी थी तो परीक्षक नदारद क्यों थे।
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'नकल माफियाओं के दबाव में ऐसा हो रहा था। मैने अपनी रिपोर्ट ऊपर भेज दी है। आगे से ग्लोबल यूनीवर्सिटी की परीक्षाएं हमारे कॉलेज में नहीं होगी।'
-आरपी सिंह, प्रधानाचार्य। 
(दैनिक जागरण से साभार)

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