मंगलवार, 21 जून 2011

विपक्षी दलों ने मायावती से मांगा इस्तीफा

अमर उजाला से साभार -
लखनऊ।
Story Update : Tuesday, June 21, 2011    12:55 AM
विपक्षी दलों ने सोमवार को बसपा सरकार पर जमकर हल्ला बोला। समाजवादी पार्टी ने कहा कि 48 घंटे में आधा दर्जन बलात्कार कांड के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है। उन्हें नैतिकता के नाते तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री की प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं रह गई है। पुलिस निरंकुश, प्रशासन स्वच्छंद है।

शासन की साख खत्म हो चुकी है। महिला मुख्यमंत्री के राज में लड़कियों, महिलाओं से बलात्कार और हत्या की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होने का आरोप लगाया। नेता विरोधी दल ने सीएमओ डा बीपी सिंह हत्याकांड के खुलासे के पुलिस के दावे पर संदेह जताया। कहा कि मंत्रियों और उच्च अधिकारियों को क्लीन चिट देने की साजिश रची गई है।

भंग करने की मांग 
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने राज्य महिला आयोग पर बसपा के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए उसे भंग करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं, लड़कियों व नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार, गैंगरेप और हत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। राज्य सरकार को अब एक पल भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। महिलाओं पर अत्याचार व उत्पीड़न के विरोध में कांग्रेस जुलाई के पहले सप्ताह में राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेगी।

डॉ. जोशी ने मुख्यमंत्री मायावती उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने राजनीतिक दलों और मीडिया पर इन मामलों पर हौवा खड़ा करने का आरोप लगाया है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रसूखदार बसपा नेता की रिश्तेदार हैं इसलिए वह मौन बैठी हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन घटनाओं पर महिला आयोग चुप क्यों है? आयोग द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? चूंकि आयोग अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहा है इसलिए उसे बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।

छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं: मुख्य सचिव 
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के भीतर आधा दर्जन के करीब दुष्कर्म के मामलों को लेकर भले ही हो-हल्ला मचा हो, लेकिन प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप मिश्र इन वारदातों को छिटपुट घटनाएं मानते हैं। मुख्य सचिव का तो यहां तक कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पहले के मुकाबले बेहतर हो रही है। राज्य में हत्या और दुष्कर्म जैसे मामलों में भारी कटौती हो रही है। प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ने के सवाल को वह सिरे से खारिज करते हैं।

प्रदेश में लगातार सामने आ रहे दुष्कर्म के मामलों को लेकर राज्य सरकार पर पहले ही विपक्षी दलों के निशाने पर है। अब ऐसे में मुख्य सचिव के इस बयान से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ सकती हैं। योजना आयोग के दफ्तर में प्रदेश की वार्षिक योजना मंजूर करवाने आए मुख्य सचिव से जब पत्रकारों ने दुष्कर्म के मामलों को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में काफी सुधार हो रहा है। जब उनसे हाल के दुष्कर्म के मामलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं। राज्य सरकार प्रभावी कदम उठाते हुए इसे गंभीरता से ले रही है। मिश्र कहते हैं कि प्रशासन कानून कानून व्यवस्था को काबू रखने में सक्षम है और जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

संविधान तंत्र विफल, राज्यपाल दखल दें: भाजपा
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह प्रदेश की अराजक स्थिति में दखल दें। केंद्र सरकार को प्रदेश में संविधान तंत्र विफल होने की रिपोर्ट भेजें। भाजपा का आरोप है कि बसपा के समर्थन के चलते केंद्र ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की कार्यवाही नहीं की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने आरोप लगाया कि अपराधियों, बलात्कारियों को सरकारी संरक्षण के चलते उत्तर प्रदेश दुराचार प्रदेश की स्थिति में पहुंच गया है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। पुलिस भी अपराधियों के साथ है। कई घटनाओं में पुलिस खुद आरोपी है। मुख्यमंत्री ने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है। पार्टी प्रवक्ता ह्रदय नारायण दीक्षित ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कन्नौज की घटना की जांच के लिए प्रदेश अध्यक्ष के साथ राधेश्याम गुप्ता, विधायक सुरेश श्रीवास्तव, सुरेश तिवारी और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मधु मिश्रा ने घटनास्थल का दौरा किया है।

जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही सरकारः रालोद 
राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव अनिल दुबे ने बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता जताते हुए बसपा सरकार को कानून व्यवस्था के मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम बताया। कहा कि ये घटनाएं सरकार के लिए शर्मनाक और प्रदेश की कानून व्यवस्था के मुंह पर करारा तमाचा हैं। यदि सरकार लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, कन्नौज और बस्ती की घटनाओं पर सरकार चेत जाती तो एटा, गोंडा में बलात्कार, हत्या और कानपुर में बंधक बनाकर दुराचार की घटनाएं न होतीं।

दलित महिलाएं बलात्कार की ज्यादा शिकार
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राज्य सचिव सुधार यादव ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं से लगता नहीं कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है। दलित बेटी के राज में दलित महिलाएं बलात्कार की सर्वाधिक शिकार हुई हैं। अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, देवरिया की घटनाएं इसका उदाहरण हैं। पुलिस दुराचार जैसे अपराधों की रिपोर्ट नहीं लिख रही है।

बसपा को देना होगा जवाबः आरपीआई (ए)
रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (ए) के प्रदेश प्रभारी पवन भाई गुप्ता ने कहा कि बसपा सरकार से प्रदेश की जनता का विश्वास उठ गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा को दुराचार की एक-एक घटना का हिसाब देना होगा।

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